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भाई - तुझे अपनी कथा भायी | बहन - बह न, देखती क्या है ? डूबने की कथा छोड़ | प्रभु वाले डूबते नहीं , डूबते हैं शरीर वाले | - भक्ति की चेतावनी - 54
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कोई देखे , कोई न देखे , मेरे खेल अनोखे भाई | - ज्ञान की चेतावनी - 262
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देने वाला भगवान , हाँ भाई देनेवाला भगवान | जिसने प्राण दिये , ज्ञान दिया , ध्यान दिया . - भाव - 352
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भाई काम , मैं तेरे काम का नहीं ! अरे क्रोध , जरा दिल को तो शोध फिर जलना और जलाना , हो हल्ला मचाना |
- चेतना - 678
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जीवन की घड़ी जब चली तो धड़कन होने लगी | अरे भाई , धड़कन ही जीवन है |
- चेतावनी - 721
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जीवन सुन्दर है तो पुरुषोत्तम उसके भाई हैं | अनन्त में विचरण करता है उसका भाव | वह तो भाव योग का पुजारी है | राधा उसकी कृष्ण की तरह सेवा करती है | सुमित्र का सदा इच्छुक है | ऐसा उसका परिवार है जहाँ आनन्द का पारावार सदा हिलोरें लेता है | यदि ऐसा हो परिवार तो उस पर सब कुछ वार | नन्हें और नन्हीं वृत्तियों वाले खेल ही देखते रहते हैं | - भक्ति - 852
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चुप रह आश्रम है | चुप रहूँ मुख से यह संभव है किन्तु दिल कैसे चुप रहे - वह तो बोलेगा-वाणी में , लेखनी में , प्राणों में | गति केन्द्रित हो सकती है दिल जब खिलता है तो प्रकाश में आयेगा - क्या करूँ ? आश्रम के लिये ही चुप रहूँ ? अच्छा , भाई , चुप्पी ही अच्छी | - भक्ति - 853
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प्रभात हुआ | कैसे जाना ? मन की चिड़िया चहचहाई , संगीत लाई , संगी लाई और कहा - हे भाई , अब कुछ कर ऐसी कमाई , जिसे दुनिया अब तक न कर पाई , नहीं तो वृथा ही जिन्दगी बिताई | - चेतावनी - 870
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कल धूल बरसाता था आज फूल | धूल फूल में बदल गई | हाँ भाई , धूल वाला फूल में बदल गया | - भक्ति - 1075
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और भाई है ( काम ) तो बड़ा ही है तेरे प्यार में | अब क्या कहना ? अब न सतायेगा | - भक्ति - 1717
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आगामी उत्सव ( 3 महीना )
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आगामी उत्सव हिंदी तिथि के अनुसार दिये गयें है कृपया अंतिम जानकारी सबंधित सदनों से लें |(Year-2022-2023.)
(Email :- info@bhavnirjharini.com)
भाव निर्झरिणी (Help File-Click Download PDF)
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