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Vani |
कोई आँखों में बसने को कहता है , कोई दिल में समाने को . यहाँ तो सब पूर्ण होते हुए भी तुम्हारे बिना अपूर्ण | | भाव-1 |
बाहर की पूजा , संस्कार से मुक्त न कर सकी । भक्ति की चेतावनी-1 |
कैसे रिझाऊँ और दिल बहलाऊँ ? बहार ही बहार , जहाँ नहीं हार । भक्ति-1 |
रंगीली दुनिया का रंग मन , रंगीला मन , दुनिया का रंग ही बदल डालता है | ज्ञान की चेतावनी-1 |
प्रकृति के रंगों में सुख-दुःख खोजता है , प्रकृति जिसके रंग में रँगी है उसे भी खोज |
चेतावनी-1 |
निन्दा को निद्रा कहाँ ? प्रशंसा में शंका आई | दोनों के युद्ध में जीवन समाप्त | वाह रे खेल | चेतना-1 |
सृष्टि सजी , किन्तु शांति न ली - न सृष्टि ने , न जीव ने - स्रष्टा मुस्कराता रहा |
ज्ञान-1 |
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